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उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षक भर्ती के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब राजकीय विद्यालयों में प्रवक्ता (शिक्षक) की भर्ती के लिए B.Ed डिग्री को अनिवार्य कर दिया गया है। हालाँकि, कुछ विषयों में B.Ed के बिना भी शिक्षक बनने का मौका मिलेगा। यह नया नियम उत्तर प्रदेश के 4000 से अधिक सहायता प्राप्त हाई स्कूल और इंटर कॉलेजों पर लागू होगा।

मुख्य बदलाव
- B.Ed अनिवार्य, लेकिन कुछ विषयों में छूट
- अब प्रवक्ता भर्ती के लिए B.Ed डिग्री जरूरी होगी।
- हालांकि, कला (Arts) विषय के शिक्षकों के लिए B.Ed की अनिवार्यता हटा दी गई है।
- मेयो स्कूल ऑफ आर्ट्स की टीचर सीनियर सर्टिफिकेट परीक्षा को भी मान्यता दी गई है।
- टीजीटी और पीजीटी भर्ती प्रक्रिया में बदलाव
- पुराने नियमों को बदलकर नई संशोधित नियमावली लागू की गई है।
- यूपी बोर्ड द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को शासन ने मंजूरी दे दी है।
- विवादों को कम करने का प्रयास
- पहले अलग-अलग संस्थाओं के नियमों के कारण भर्ती में विवाद होते थे।
- अब नए नियमों से प्रक्रिया स्पष्ट और पारदर्शी होगी।
नए नियमों का प्रभाव
पहले | अब |
---|---|
B.Ed के बिना भी शिक्षक बन सकते थे | अधिकांश पदों पर B.Ed अनिवार्य |
कला विषय में B.Ed जरूरी था | कला विषय में B.Ed की छूट |
भर्ती में विवाद होते थे | नए नियमों से प्रक्रिया सुचारू |
उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षक भर्ती के नियमों को सरल और पारदर्शी बनाने का प्रयास किया है। अब B.Ed डिग्री जरूरी होगी, लेकिन कला विषय के शिक्षकों को छूट मिलेगी। यह बदलाव शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को और अधिक न्यायसंगत बनाएगा।